परंपरागत खेती को छोड़ किसान ने शुरू की स्ट्रॉबेरी और पपीता की खेती, कमा रहे ₹10 लाख से ज्यादा
Success Story: किसान का कहना है कि वे पहले परंपरागत तरीके से खेती करते थे. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर कम पानी में स्ट्रॉबेरी की खेती की और ड्रिप व मल्चिंग का उपयोग किया.
Success Story: कम लागत में ज्यादा कमाई के लिए भोपाल के किसान सोदान सिंह ने बेकार पड़ी खेती की जमीन को बेहतर आमदनी का जरिया बनाया. परंपरागत खेती को पीछे छोड़ सोदान सिंह ने अपनी 4 एकड़ की बेकार कृषि जमीन में स्ट्रॉबेरी (Strawberry) और पपीता (Papaya) की मिठास से अपनी कमाई को दोगुना कर लिया है.
3.40 लाख रुपये खर्च कर शुरू की खेती
किसान का कहना है कि वे पहले परंपरागत तरीके से खेती करते थे. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर कम पानी में स्ट्रॉबेरी की खेती की और ड्रिप व मल्चिंग का उपयोग किया. वे कहते हैं कि पहले वर्ष लागत अधिक आई, जिसमें 1 लाख रुपये का खर्चा खेत को व्यवस्थित करने और मल्चिंग पर आया. एक एकड़ में 24000 पौधे लगाए, जिनकी प्रति पौधे कीमत 10 रुपये थी, जिसकी कुल कीमत 2.40 लाख रुपये थी.
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10 लाख रुपये ज्यादा हो रही कमाई
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किसान सोदान सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में पहले वर्ष 2 से 2.5 लाख रुपये की कमाई हुई. दूसरे वर्ष 7 से 8 लाख रुपये की आमदनी मिलने लगी. स्ट्रॉबेरी की फसल 4 से 5 महीने की होती है और स्ट्रॉबेरी की फसल लेने के बाद वे पपीता की फसल के उत्पादन से 3 से 3.50 लाख रुपये प्रति एकड़ आमदनी लेते हैं.
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के मुताबिक, उनके पिता कहते हैं कि पहले मैं इसलिए चिंतित रहता था कि मेरे खेत की मिट्टी की जलधारण क्षमता कम होने से परंपरागत फसलों से अधिक मुनाफा नहीं मिल पाता था. अब चिंता खत्म हो गई है. लघु सिंचाई तकनीक के उपयोग से बेहतर खेती हो रही है. अब सौदान सिंह सीमित भूमि से अधिक लाभ ले पा रहे हैं.
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11:09 AM IST